Monday, May 16, 2016

Here’s Why Airplanes Are Painted White In Color! Check Out The Reasons…

Here’s Why Airplanes Are Painted White In Color! Check Out The Reasons…

Ever wondered why planes are painted white? Well, we are sure many of you don’t know the reasons! When planes come off the factory’s assembly line, they are green, but then they are painted white due to several practical reasons! Have a look!
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Reason 1- Heat factor!

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With white paint, the heat is reflected away from the airplane’s exterior, thus reducing the temperature inside the cabin. Due to this, the amount of air conditioning is reduced.

Reason 2- Resale!

White paint comes in to be handy if the aircraft has to be sold in a hurry. Owners don’t need to repaint the aircraft while selling. Only changing the company name and logo is enough. Moreover, this option is economical too.

Reason 3- Lease!

Majority of airline companies don’t own any aircrafts. Most of them take it on lease from leasing companies. Hence, the companies from where they hire, don’t allow them to paint. The reason is simple; the resale value of white planes is more than that of painted ones.

Reason 4- Visibility factor!

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When planes are painted white, the ground staff can easily spot the leaking oil, cracks and corrosion. Even in case of airplane crash, white planes can be easily spotted on land as well as water.

Reason 5- Colored paint adds more weight !

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If airplanes are painted in other colors, additional weight is added. If weight is more, even the fuel consumption would be more. If a Boeing 747 is painted in different color, it would add 250 kgs of weight, but if just a white paint job is needed, it would not add more than 25 kgs. By painting the airplanes white, American Airlines saves over $2 million per year on fuel costs.

Reason 6- Long lasting in nature!

White color doesn’t fade away like other colors do. Moreover, maintaining and cleaning is pretty easy. Usually colored paints fade away owing to exposure to sun, particularly at 30,000 feet where there is more UV radiation.

Reason 7 – Saves painting costs!

The cost of painting the full body in color falls between $50k-$200k. No airline company would like to spend such a huge amount. Moreover, painting the planes in color consumes 2-3 weeks of time, which in turn causes loss of revenue in that period.

Wednesday, May 11, 2016

An Open Letter to Rocky Yadav from Ravish Kumar!

An Open Letter to Rocky Yadav from Ravish Kumar!.


Rocky Yadav
प्यारे रॉकी यादव,
अभी अदालत से साबित होना बाक़ी है, इसलिए हत्यारे रॉकी यादव नहीं लिख रहा। अदालत के फ़ैसले का इंतज़ार करूंगा और तब तक कथित लिखूंगा, सो, तुमको तब तक प्यारे लिखूंगा, ताकि तुम जैसे नौजवानों को अहसास हो कि आदित्य भी किसी का प्यारा था।
यह जो तुम टीवी पर बोल रहे हो कि तुम दिल्ली में थे, तुमने गोली नहीं चलाई। इस तरह के बयान तुम्हारे जैसे कथित आरोपी देते रहे हैं। फ़िल्मों में ऐसे संवाद तो आम हैं और इस आधार पर हत्यारे को निर्दोष साबित करने का दावा करने वाले फ़र्ज़ी घाघ वकील भी आम हैं। पुलिस की जांच तुम्हारे बयान से अलग है। पुलिस का कहना है कि तुमने जुर्म कबूल किया है और जिस हथियार से हत्या हुई है, उसे बरामद किया गया है, इसलिए अदालत का फ़ैसला आने तक तुम आरोपी हो, हत्यारे नहीं।
तुम्हारी मां ठीक ही कह रही होंगी कि तुम उस तरह के लड़के नहीं हो। आजकल फ़िल्मों की तरह राजनीति में मांओं की नौटंकी हम लोग रोज़ देख रहे हैं। राजनीति की मांओं को समझना चाहिए कि उनके आंसू जावेद अख़्तर साहब वाली मांओं के आंसू जैसे नहीं हैं, न हो सकते हैं। आजकल कई मंत्री और विधायक हर बात को ‘मैं भी एक मां हूं’ की नौटंकी से ढंकने लगी हैं। यह सबसे बड़ा झूठ है कि एक मां दूसरी मां को जानती है। सत्य यह है कि रॉकी की मां और आदित्य की मां के दर्द में बहुत फ़र्क है। रोहित वेमुला की मां और किसी मंत्री के मां होने में बहुत अंतर है। तुम्हारी मां जेल से लौट आने की आस लगा सकती है। आदित्य की मां आस नहीं लगा सकती है, इसलिए अपनी मां से कहो कि ‘मां मां’ बंद करे।
तुम्हारी मां अगर मांओं का दर्द समझतीं तो तुम्हें लाखों रुपये का रिवॉल्वर लेने नहीं देती। मांओं का सपना बेटों को रिवॉल्वर देना नहीं होता है। बंदूक तो बंदूक, तुम्हारा नाम भी मोहल्ले के छलिया जैसा है। ख़ैर, इसका घटना से कोई ताल्लुक़ नहीं है। पुलिस कहती है कि तुम्हारे नाम पर एक करोड़ की कार है। 20 की उम्र में तुम एक करोड़ की कार चलाते हो! ज़ाहिर है तुम्हारी मां न तो तुम्हें एक अच्छा लड़का बना रही थी, न दूसरी माताओं के बारे में सोच रही थी। तुम्हारे संगी-साथी के बारे में जानकारी से भी पता चलेगा कि तुम किनकी सोहबत में उठते-बैठते रहे हो। तुम्हें रिवॉल्वर का लाइसेंस दिलवाने में किसने मदद की। सुना है कि कई दलों के राजनेताओं के पुत्र तुम्हारे मित्र हैं। पैसा है, तो कौन मित्र नहीं होगा तुम्हारा।
ज़ाहिर है, तुम्हारी मां ने तुम्हें अच्छा बेटा बनने के लिए एक करोड़ की कार और लाखों की रिवॉल्वर नहीं दी होगी। तुम अच्छे होते तो रिवॉल्वर लेकर ऐसी तस्वीर नहीं खिंचाते। कोशिश तो तुम्हारी ओलिम्पियन जैसे दिखने की है, मगर लग नहीं रहे हो। रॉकी, तुम जिस राज्य के छुटभैया हीरो हो, मैं वहीं से मैट्रिक पास हूं। तुम्हारे जैसे अनेक रॉकी के पापा विधायक हैं, ठेकेदार हैं, पुलिस में हैं। हर दल के ख़ानदानों में तुम जैसे हैं। ऐसे हीरो को हम ‘टिनहइया’ हीरो कहते हैं – मतलब सड़कछाप।
हमारी राजनीति में ये जो बड़ी गाड़ियां आई हैं, उनसे बहुतों का दिमाग़ ख़राब हुआ है। सड़क पर इन गाड़ियों को बचाने में हर जगह लोग ब्रेक लगाकर लोगों को गरियाते मिल जाते हैं। दिल्ली में तो रोज़ देखता हूं। लोग कार से उतरकर मारपीट करते रहते हैं। शीशा नीचे कर धमकाते रहते हैं। क्या पता तुम भी वैसे ही हो। मैं क़ानूनी फ़ैसला नहीं कर रहा। तुम्हारी हरकतों का सामाजिक विश्लेषण कर रहा हूं।
मैं बिल्कुल समझता हूं कि रोड रेज एक गंभीर मनोरोग है। कई घटनाएं दर्ज हैं, जिनमें हत्या भी हुई है। तुम्हें दिल्ली में डाक्टर नारंग की हत्या का मामला याद ही होगा। कई लोगों की तरह तुम्हें भी ग़ुस्सा आया होगा। तुम बर्दाश्त नहीं कर सके होगे कि पांच लाख की स्विफ्ट कार एक करोड़ की रेंज रोवर कार को कैसे ओवरटेक कर सकती है। बेटा रॉकी, कार चलाना एक हुनर भी है। मोपेड वाला भी मात दे सकता है। इतना समझते तो ओवरटेक के सदमे को बर्दाश्त कर लेते और आदित्य को जाने देते। मगर तुम्हें ‘रेज’ आया, यानी ग़ुस्सा आया।
तुम्हें रोड रेज जैसे मनोरोग की छूट नहीं मिलनी चाहिए। तुम एक राजनीतिक ख़ानदान से आते हो। पिता आरजेडी के नेता हैं और माता जेडीयू की विधायक। सुना है, पिता बाहुबली कहलाने की योग्यता भी रखते हैं, इसलिए तुम्हें लगता होगा कि घर में ही लालू यादव और नीतीश कुमार हैं। तुम्हीं नहीं, बिहार में तमाम दलों के कई विधायक पुत्रों का यही हाल हो सकता है। कुछ पुत्र लोग सज्जन भी होते हैं, मगर ज़्यादातर रॉकी और विकी की मानसिकता से आगे निकल नहीं पाते। मेरा ही एक क्लासमेट है, जिसके पिता कई साल मंत्री रहे। शायद अब भी होंगे, मगर वह कभी बताता ही नहीं था कि पिता मंत्री हैं। साइकिल से कॉलेज आ जाता था। तो रॉकी, तुम्हारे भीतर सत्ता का ग़ुरूर भी आया होगा। उसी के नशे में तुमने कार रोकी और झगड़ा किया। तुम्हारा ग़ुस्सा सातवें आसमान पर गया होगा और तुमने कथित रूप से गोली मार दी, इसलिए तुम्हारा मामला अलग है।
बिहार के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि दो महीने के अंदर इस मामले को अंजाम पर पहुंचाकर दिखाएं। तुम्हारी एक करोड़ की कार कबाड़ में बेचकर उसके पैसे से किसी गांव में कुआं खुदवा दें। जिस राजनीति के कारण तुम्हारा हौसला बढ़ गया था, आज वही राजनीति यह देखेगी कि तुम्हारे मामले में जल्दी फ़ैसला आए। ऐसा होने से बिहार में नेताओं के बहुत से रॉकी बच जाएंगे, वे रास्ते पर आ जाएंगे। आदित्य की हत्या का तुम्हारे जेल जाने से ज़्यादा बड़ा इंसाफ़ यह होगा। तुम्हारी माता की सदस्यता रद्द कर किसी ढंग के युवा को एमएलसी बनाएं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या बिहार विधानसभा के स्पीकर को सभी दलों के विधायकों और उनके निकटतम परिवारों के लिए दो-दिवसीय सम्मेलन बुलाना चाहिए, जहां सदस्य से लेकर ड्राइवर तक का सामाजिक प्रशिक्षण दिया जाए। बताने के लिए कि विधायक और परिवार के बीच किस तरह के संबंध होने चाहिए। किस तरह विधायक का सार्वजनिक आचरण परिवार को बदनाम कर सकता है और किस तरह परिवार का आचरण विधायक को। सदस्यों से बड़ी गाड़ियों की तमाम जानकारी मांगी जाए और पूछा जाए कि आपके अलावा परिवार के कितने सदस्यों के पास ऐसी गाड़ी है। सदस्यों को बताया जाए कि कार जब किसी आम नागरिक की कार से टकरा जाए या कोई ओवरटेक कर ले तो कैसे बर्ताव करना है। मंत्री या विधायक की पंजीकृत कार के भीतर एक संदेश चिपकाया जाना चाहिए कि यह विधायक की कार है। कार विधायक नहीं है। ड्राइवर और परिवार के सदस्य औकात में रहें।
गया पुलिस की एसएसपी को बधाई, लेकिन एक मामले में गिरफ़्तारी से कुछ नहीं होने वाला। नौजवान एसएसपी को भी ऐसे गाड़ीवानों का शिविर लगाकर बताना चाहिए कि यह कार, जो आपने ख़रीदी है, वह देखने में बड़ी है, मगर इसमें बैठकर आप कानून से बड़े नहीं हो जाते। छोटी कारों, साइकिल सवारों, रिक्शा वालों और पैदल यात्रियों का सम्मान करना सीखें।
तुम्हारे राज्य का एक नागरिक
रवीश कुमार

Monday, May 9, 2016

This Video Of Captain America: Civil War Without CGI Is Amazing And Awkward At The Same Time

This Video Of Captain America: Civil War Without CGI Is Amazing And Awkward At The Same Time

There is a happy news for Captain America and Marvels fan. A video of Captain America: Civil War without CGI has surfaced on the internet and getting viral. On one hand while watching the movie where the explosions and awesome fight scenes looks cool, the same looks a bit weird in the real shoot scenes without any CGI.
The most amazing thing in the video is where you compare the real and reel life scenes of the movie. The movie is sure to be a big success at Indian box office as it made 37.68 crore rupees in its first weekend.

So, without delaying anymore here is the video of Captain America: Civil War without any CGI





You can also watch the video directly on YouTube by clicking here.
Just to let you know, if you haven’t watched Captain America: Civil War yet because of the disappointment you faced from Batman v Superman. The movie is very much enjoyable with awesome fight scenes and engaging story unlike Batman V Superman.
Let us know your thoughts about the video in the comments section below, especially the Scarlet Witch scene at 2:23.

You Loved This Song During Your College Days! Well We Have Its Cuter Version By Raftaar…

You Loved This Song During Your College Days! Well We Have Its Cuter Version By Raftaar…

We are sure that during your college days, you would have surely tried impressing your crush! Those days are just unforgettable, isn’t it?
If you are a college dude and would like to impress a girl, you are surely going to fall in love with this video! The video has a background of a college party, wherein Naveen is facing trouble to ask Maanvi out. Kanan Gill, the loveguru calls in for help from Raftaar, the king of Wicked Rhymes. The sensational tune of this song is surely going to make you fall in love with it! We bet, you follow this and your girlfriend is impressed for sure!

If you liked this video, do comment in our comments section below ! Do share your experiences too whether you could actually impress a girl or not!

Sunday, May 8, 2016

रेलवे ने कमाई का निकाला नया तरीका, अब 64 फीसदी बड़ा होगा रिजर्वेशन टिकट

रेलवे ने कमाई का निकाला नया तरीका, अब 64 फीसदी बड़ा होगा रिजर्वेशन टिकट

नई दिल्ली। रेलवे ने काउंटर से मिलने वाले रिजर्वेशन टिकटों का साइज बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला रेलवे ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए किया है। रेलवे बोर्ड ने टिकटों का आकार 64 फीसदी बड़ा करने की घोषणा की है। यह केवल काउंटर से लिए गए रिजर्वेशन टिकटों पर ही लागू होगा। टिकट बड़ा होने से यात्रियों को उस पर लिखे हेल्पलाइन नंबर भी स्पष्ट नजर आएंगे और विज्ञापन आसानी से प्रिंट हो सकेंगे। वहीं रेलवे विज्ञापन देने वाली कंपनी को ही इसकी छपाई की भी जिम्मेदारी देगी।
ये होंगे बदलाव
नया टिकट पूरी तरह से कलरफुल होगा। टिकट का साइज बढ़ने से यात्रियों को हेल्पलाइन नंबर साफ दिखाई देगा। विज्ञापन प्रिंट होने के कारण ये नंबर स्पष्ट नजर नहीं आते है। टिकट में नीचे की ओर रैंडम नंबर, विंडो नंबर, कैटरिंग की शिकायत, इंक्वायरी नंबर व पैसेंजर सिक्योरिटी नंबर होते है। हालांकि यात्रियों का कहना है कि मौजूदा टिकट संभालना ही मुश्किल काम है ऐसे में साइज बड़ा होने से परेशानियां और बढ़ेंगी।

तीन सेंटीमीटर बढ़ेगी लंबाई-चौड़ाई
नई व्यवस्था में आरक्षित टिकट का आकार 15.6 सेंटीमीटर लंबा और 9.6 सेंटीमीटर चौड़ा हो जाएगा। वर्तमान में टिकट का आकार 12.7 सेंटीमीटर लंबा और 7.2 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। रेलवे बोर्ड ने जोन को भेजे पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि टिकट के 30 फीसदी हिस्से में यात्रियों से संबंधित सूचनाएं होंगी। शेष 70 फीसदी जगह पर विज्ञापन होगा। बढ़े हुए साइज को विज्ञापन से कवर किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल मुख्यालय को पत्र भेजकर बढ़े स्पेस का इस्तेमाल विज्ञापन से भरने को कहा गया है।

मधुबनी-दिल्ली के बस सेवा हुई शुरू

मधुबनी। मधुबनी-दिल्ली के बस सेवा हुई शुरू, 1500 के किराए के साथ 22 घंटे में पहुँचे दिल्ली। एसी स्लीपर कोंच के साथ बस में उपलब्ध होगी शौचालय और बाथरूम की भी सुविधा।आखिर वो दिन आ ही गया जब मधुबनी बस सेवा से सीधे दिल्ली से जुड़ गयीं। मंगलवार को शिव भोले नाथ ट्रेवल्स की पहली बस सेवा मधुबनी के गंगासागर चौक से दिल्ली के लिए रवाना हुई। हमें मिलीं जानकारी के अनुसार मधुबनी से यह सेवा मंगलवार और शुक्रवार को दिल्ली के लिए उपलब्ध होगी, वहीं दिल्ली से मधुबनी के लिए बस बुधवार और रविवार को उपलब्ध होगी। बस मधुबनी से चलकर दरभंगा-गोपालगंज-गोरखपुर-लखनऊ-कानपुर-नोएडा के रास्ते दिल्ली को जायेगी। दिल्ली का नांगलोई मेट्रो स्टेशन इस का आखिरी पडा़व होगा।

Saturday, May 7, 2016

चीन करेगा पहली हाइब्रिड पावर ट्रेन का परीक्षण

चीन करेगा पहली हाइब्रिड पावर ट्रेन का परीक्षण

बीजिंग। चीन अगले महीने देश की पहली हाइब्रिड-पावर रेलगाड़ी का परीक्षण करेगा। इस परियोजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन का जिलिन प्रांत में इस माह के अंत तक तकनीकी खामियों को दूर करने का चरण पूरा हो जाएगा। अगले माह जून में चाइना एकेडमी ऑफ रेलवे साइंसेज में इसका परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान उत्पाद की गुणवत्ता, सुरक्षा एवं दक्षता सुनिश्चित की जाएगी और इसमें कम से कम छह माह का समय लगेगा।

‘चाइना डेली’ की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया मॉडल दो से तीन ऊर्जा स्रोतों से युक्त होगा, जिसमें डीजल जनरेटर पैकेज की एकीकृत आंतरिक दहन शक्ति और कार्बन उत्सर्जन तथा डीजल की लागत कम करने के लिए एक बिजली बैटरी पैक शामिल होगा। चांगचुन रेलवे वेहिकल्स कंपनी (सीआरआरसी) के जनरल मैनेजर एन झोंगयी ने कहा कि यह ट्रेन देश को विद्युत ट्रेनों के रेलवे नेटवर्क को गैर-विद्युतीकृत रेलवे नेटवर्क की ओर बढ़ने में मदद करेगी। इस पहल से हाइब्रिड चालित ट्रेनों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह नई ट्रेन 120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पटरी पर दौड़ सकती हैं।

सीआरआरसी चांगचुन के प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर ली शुइफेई ने कहा कि डिजाइन टीम ने कुछ तकनीकी मुद्दों जैसे वजन नियंत्रण, शोर और कंपन को पहले ही निपटा लिया है। ली ने कहा कि इस ट्रेन को ऊर्जा या तो पैंटोग्राफ सिस्टम या एक आंतरिक एकीकरण पावर पैक या पावर बैटरी पैक से प्राप्त हो सकती है, ताकि यह ट्रेन पावर ग्रिड उपलब्ध न होने पर भी चल सके। ऐसी उम्मीद है कि चीन अगले पांच सालों तक रेल सेक्टर में भारी निवेश करता रहेगा।