स्टार्टअप के लिए 500 करोड़ आवंटित कर नीतीश सरकार ने पेश किया एक बड़ा उदाहरण
स्टार्टअप पर जब चर्चा होती है तो रायपुर, सोलन और मोतिहारी जैसे छोटे शहरों का जिक्र कोई नहीं करता हैं लेकिन हकीकत यही है कि स्टार्टअप की कहानी में इन छोटे शहरों को अब कोई नजरअंदाज भी नहीं कर सकता. पिछले एक साल में तस्वीर बदली है और औद्योगिक रूप से अपेक्षाकृत कम संपन्न राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिश जैसे राज्यों में स्टार्ट-अप को नया ठिकाना मिल गया है.
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यह अलग बात है कि ई-रिटेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, भुगतान आदि के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप में विदेशी निवेशक रकम लगा रहे हैं, लेकिन वास्तव में ये राज्य छोटे शहरों से उद्यमियों को नाम रोशन करने के लिए आगे बढ़ा रहे हैं. स्टार्टअप अब तक हैदराबाद, गुड़गांव और बेंगलूरू तक सिमटे थे, लेकिन अब ये राज्य सरकारें छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए न केवल नीतियां बना रही हैं बल्कि पूंजी भी उपलब्ध करा रही हैं.
बिहार एक ऐसा ही राज्य है, जहां की सरकार ने एक 500 करोड़ रूपये का स्टार्टअप कोष तैयार किया है. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक राज्य के लिए अतिरिक्त 500 करोड़ रूपये आवंटित कर रहा है. अनुमानों के मुताबिक पिछले एक साल में राज्य ने 300 स्टार्टअप दिए हैं.
बिहार आन्त्रप्रेन्यर्स एसोसिएशन (बीईए) के महासचिव अभिषेक कुमार कहते हैं, ‘पिछले कुछ सालों में हमने स्टार्टअप और उद्यमशीलता को राज्य के सुदूर क्षेत्रों जैसे पूर्णिया और मोतिहारी तक पहुंचाया है. अब अधिक से अधिक स्टार्टअप देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे से प्रतिस्पद्र्धा कर रहे हैं.
स्टार्टअप और नए उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हाल में ही राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री स्टार्टअप/नव उद्यम योजना’ की घोषणा की है. इस नीति के अनुसार राज्य में सभी नए उद्यमों को पंजीयन के लिए केवल स्वयं सत्यापित कागजात जमा करने होंगे. इसके 15 दिनों के भीतर सभी विभाग अस्थायी पंजीयन जारी करेंगे. इसके साथ ही राज्य का उद्योग विभाग छोटे उद्योगों को रियायती दरों पर औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन मुहैया कराएगा.
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव पी मित्रा ने पी.एम.ए. को बताया कि जब लोग हिमाचल प्रदेश की बात करते हैं तो केवल दवा, परिधान और पर्यटन उद्योगों की तस्वीर सामने आती है. अब लोगों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हमने विभिन्न योजनाएं तैयार की हैं. हम राज्य के बद्दी, बरोटोवाला, ऊना, पांवटा साहिब आदि को स्टार्टअप केंद्र के तौर पर विकसित कर रहे हैं.
स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में उत्तीसगढ़ भी पीछे नहीं है. नक्सली समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए राज्य सरकार यहां बेरोजगार युवाओं और शिक्षित लोगों के बीच स्टार्टअप लोकप्रिय बनाने में जुटी है. राज्य सरकार नया रायपुर में एक स्टार्टअप केंद्र तैयार कर रही है और शुरूआत में इसके लिए 45 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के छत्तीसगढ़ परिषद के चेयरमैन महेंद्र अग्रवाल कहते हैं, ‘छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में स्टार्टअप के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है. रोड शो के माध्यम से हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं.’
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