बेगूसराय की भावना कांत समेत 3 महिलाएं उड़ाएंगी फाइटर प्लेन

बेगूसराय की भावना कांत के अलावा मध्यप्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी और वडोदरा की मोहना सिंह देश को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. ये तीन महिलाएं देश की पहली महिला फाइटर पायलट होगीं. पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने महिलाओं को बतौर फाइटर पायलट वायूसेना में लेने की मंजूरी दी थी.
2400 किमी की रफ्तार से उड़ने वाले भारतीय वायु सेना की शान सुखोई को उड़ाने का मौका अभी तक देश के सबसे बेहतरीन पायलट्स को ही मिलता है. एयरफोर्स एकेडमी डुंडीगल में 120 कैडेट्स चुने गए थे. महिला कैटेड्स भी इन्हीं में शामिल थीं.
तीनों 18 जून को वायुसेना में कमीशन होंगी। इनकी अभी हैदराबाद में ट्रेनिंग चल रही है। वायुसेना प्रमुख ने महिला दिवस पर इसकी घोषणा की। भावना बिहार के बेगुसराय की हैं। अवनी मप्र के रीवा से हैं। उनके पिता इंजीनियर और भाई आर्मी में हैं। जबकि मोहना गुजरात के वडोदरा की हैं। उन्होंने कहा कि ‘मैं पिता और दादा की विरासत आगे बढ़ा रही हूं। ये बहुत खास है, पर इसे दिमाग पर चढ़ने नहीं दे रही।’ मोहना के पिता वायुसेना में वॉरंट ऑफिसर हैं।
अभी सारा फोकस इन्स्ट्रक्टर्स की उम्मीदों पर खरे उतरने पर है : भावना कांत
– फ्लाइंग कैडेट भावना कांत कहती हैं, “अभी तो कुछ खास महसूस नहीं हो रहा है। हमारा पूरा फोकस अपनी ट्रेनिंग, अपने इन्स्ट्रक्टर्स की उम्मीदों पर खरे उतरने और सारे एग्जाम्स क्लियर करने पर है।”
– मोहना सिंह कहती हैं, “फाइटर पायलट बनना मेरा बचपन का सपना था। हमें कोई छूट नहीं है। फीजिकल फिटनेस या मेंटल रोबस्टनेस और टेस्ट्स, सभी कुछ सेम है।”
– अवनी चतुर्वेदी कहती हैं, “यह एक बहुत ही एडवेंचरस लाइफ है। कोई भी एयर फोर्स अपने फाइटर्स से ही डिफाइन होती है। हम सभी थ्रिल्ड हैं।”
– IAF हेडक्वार्टर्स के सूत्रों ने कहा, “यह हमारे लिए एक लर्निंग एक्सपीरियंस है। ऐसा पहली बार होगा कि वूमन कैडेट्स फाइटर एयरक्राफ्ट की कॉकपिट में बैठेंगी। यह हम सब के लिए भी एक लेसन है। उनके एक्सपीरियंस से हमें फायदा होगा।”
आईएएफ एकेडमी से ग्रेजुएट होने के बाद तीनों स्टैज-3 में 6 महीने हॉक एडवांस जेट ट्रेनर पर प्रशिक्षण लेंगी। 2017 में वे पूरी तरह फाइटर पायलट बन जाएंगी।
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